5 TIPS ABOUT HINDI KAHANI YOU CAN USE TODAY

5 Tips about hindi kahani You Can Use Today

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फाटक पार करते ही जिस ओर सबसे पहले हमारा ध्यान गया, वे थे पेड़ों पर लटकते हुए अलूचों से मिलते-जुलते किसी फल के गुच्छे। मकान के भीतर घुसने के बदले हम उस ओर दौड़े। कई पेड़ थे जिन पर वे लटक रहे थे। परंतु उछल-उछल कर कूदने पर भी किसी के हाथ में एक भी दाना रामकुमार

घोसले में पहुंचकर चिड़िया ने सभी बच्चों को चावल का दाना खिलाया। बच्चों का पेट भर गया, वह सब चुप हो गए और आपस में खेलने लगे।

यह बात जानकर हमें खुशी हुई, आपको अन्य कहानियां कैसी लगी यह भी हमें जरूर बताइए

कालिया ने अपने दोस्तों को भी परेशान किया हुआ था।

उदाहरण के लिए इस कहानी का पहला पैरा ही देखिए :

मोरल – लक्ष्य कितना भी बड़ा हो निरंतर संघर्ष करने से अवश्य प्राप्त होता है।

मोती कभी भी गाय को रोटी खिलाना नहीं भूलता। कभी-कभी स्कूल के लिए देर होती तब भी वह बिना रोटी खिलाए नहीं जाता ।

हमें आज तक इस तालाब का पता क्यों नहीं चला। काफी समय हो गया था संध्या हो चुकी थी इसलिए दोनों आपस में बात करते हुए वहां से लौट गए कि कल आकर यहां पर जाल बिछाया जाएगा। यह बाततालाब में बैठी तीन दोस्त मछलियो सुन ली। उन्होंने आपस में मंत्रणा की कि यह बात पक्की हो गई कि अगले दिन मछुआरा आकर यहां जाल बिछाएगा और हम सभी को पकड़ लेगा।

दूसरे दिन वह व्यक्ति अपने घर पर मुर्दा पाया गया। परिवार के सारे लोग इकट्ठे हो गए। सभी रो रहे थे। विलाप कर रहे थे। वही उसकी पत्नी सबसे ज्यादा दुखी हो रही थी। पूरे घर में कोहराम मच गया था। सभी की आंखे नम थी। वह व्यक्ति मुर्दा अवस्था में था, मगर योग अभ्यास से आसपास के माहौल को महसूस कर सकता था और सुन सकता था। उसे बड़ा सुकून मिला कि उसका परिवार उसे कितना प्यार करते हैं, अंतत: उसने संन्यास का इरादा त्यागने का फैसला कर लिया।

(मेरी मान्यता है कि मंटो को उर्दू-हिंदी के भाषाई विभाजन का विषय न बनाया जाए. वे दोनों ही भाषाओं के महान कथाकार हैं. उनकी सहज-सरल भाषा को किसी ऐसी श्रेणी में बांटा भी नहीं जा सकता. जो भी अंतर है वह सिर्फ़ लिपि की भिन्नता के कारण है.

किसी श्रीमान ज़मींदार के महल के पास एक ग़रीब अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी। ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई, विधवा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी; उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र माधवराव सप्रे

रानी एक चींटी का नाम है जो अपने दल से भटक चुकी है। घर का रास्ता नहीं मिलने के कारण , वह काफी देर से परेशान हो रही थी। रानी के घर वाले एक सीध में जा रहे थे। तभी जोर की हवा चली, सभी बिखर गए। रानी भी अपने परिवार से दूर हो गई। वह अपने घर का रास्ता ढूंढने में परेशान थी।

एक लाठी निकाली और कालिया की मरम्मत कर दी।

गांव के लोग भी बिना डरे उस वृक्ष के नीचे जाने लगे।

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